मिट्टी के इत्र की खुशबू बिखरेगी अरब में
खण्डवा जिले के गांव आंवलिया की मिट्टी खुशबू वाली है। यही कारण है कि यहां इत्र बनाने का संयंत्र स्थापित किया गया है। यहां मिट्टी के साथ गुलाब व मोगरा से भी इत्र बनाया जाता है। मिट्टी के इत्र की खुशबू देश के बाहर भी पहुंच गई है।
बताया गया है कि लघु वनोपज संघ खण्डवा और कुवैत की फर्म मोहम्मद यूसुफ बेह-बेहानी के बीच 50 किलो मिट्टी का इत्र भेजने का करार हुआ है। यह इत्र मई 2011 तक भेजा जाना है। इस अनुबंध से निर्माण इकाई को लगभग 15 लाख रुपये की आय होगी।
मिट्टी से बनने वाले और अन्य इत्रों को बनाने की प्रक्रिया में ज्यादा अंतर नहीं है। सबसे पहले मिट्टी को तांबे के बड़े-बड़े पात्रों में पकाया जाता है, फिर आसवन की प्रक्रिया द्वारा पकाई गई मिट्टी की खुशबू को बेस ऑयल के साथ संघनित किया जाता है। इस प्रक्रिया से बेस ऑयल में मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू घुल जाती है।
आंवलिया में मिट्टी के इस इत्र में एल्कोहल का इस्तेमाल नहीं होता है और यह विशुद्ध रूप से हर्बल इत्र है। अन्य इत्रों की तरह इसमें स्प्रिट का भी इस्तेमाल नहीं होता। इस तरह का इत्र उत्तर प्रदेश कन्नौज में भी बनाया जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।