धन की तरह समय का भी करें सदुपयोग

By Staff
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नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा है, 'संघर्षो से समस्याओं का समाधान नहीं होता, परंतु व्यक्तिगत असफलता के लिए विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष अवश्य करना चाहिए।' जैसे आप अपने धन का सदुपयोग करते हैं, वैसे ही समय का भी करें। क्या आप जानते हैं कि सत्तर वर्ष का जीवन कैसे बिताया जाता है?

औसतन, पच्चीस वर्ष सोने में, आठ वर्ष पढ़ाई-लिखाई में, छह वर्ष आराम और बीमारी में, सात वर्ष छुट्टियों और मौज-मस्ती में, पांच वर्ष दैनिक यात्रा में, चार वर्ष खाने में और तीन वर्ष अस्थायी कामों में, यानी इन सबकी तैयारी में इसके बाद प्रभावी कार्य के लिए केवल बारह वर्ष बचते हैं।

एक अमेरिकी करोड़पति चार्ल्स स्कवैब ने 1936 में अपने एक सलाहकार को 25 हजार डॉलर दिए और उससे कोई अनमोल सलाह मांगी। सलाहकार ने कहा, 'अपने दिन की शुरुआत उन कार्यो की सूची से करें जो आवश्यक हैं और बहुत-से मामूली कामों में से कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण कामों को वरीयता दें।' उस सलाहकार ने चार्ल्स स्कवैब को जो सूची दी उसके महत्वपूर्ण बिंदु यहां आपको ये बिंदु पसंद आते हैं? क्या आपने इन्हें अपने जीवन में अपना रखा है?

* निर्णय न ले पाना महंगा है, बहुत ही महंगा।

* विफलताओं से सीखिए, लेकिन उनसे व्याकुल मत होइए।

* खाली बोरी कभी भी सीधी खड़ी नही हो सकती।

* जो झिकता है, वह हारता है।

* एक समझदार आदमी तब बोलता है। जब दूसरे अपनी बात पूर्ण कर चुके होते हैं।

* एक खुले बटुए की अपेक्षा एक खुला दिमाग ज्यादा धन-दौलत इकट्ठा करता है।

* आपको साधारण काम करते समय अधिक चौकन्ना रहने की जरूरत है।

* छोटी-छोटी नगण्य बातों से बड़े और प्रभावशाली निष्कर्ष निकालना ही जीवन की कला है।

* अगर आप एक बार में सफल न हों, तो एक बार फिर प्रयास करें, उसके बाद कुछ और कोशिशें करें।

* कोई भी जन्म से बुद्धिमान नहीं होता, लेकिन सीखने से बुद्धिमान बन जाता है।

* केवल मशीनरी ही पुरानी नहीं हो जातीं। दिमाग को भी पुराना पड़ने से बचाने की जरूरत है।

* अगर आप आज भी इतने कोमल हैं तो आपको स्वयं पर लज्जा होती है तो आप ईश्वर का धन्यवाद अदा कीजिए और उससे कहिए कि वह आपको ऐसा ही रखे।

* अगर आप अपने दिमाग को इन तीन बातों : काम करने, बचत करने और सीखने के लिए तैयार कर लेते हैं, तो आप इस दुनिया में उन्नति कर सकते हैं।

* प्रभाव एक बचत खाता है, जिसे आप जितना कम इस्तेमाल करते हैं, उतना ही ज्यादा आप उसे पाते हैं।

* अपनी सफलताओं से सीखें ताकि आप उन्हें दोहरा सकें, अपनी विफलताओं से सीखें ताकि आप उन्हें दोबारा न कर सकें।

* इस बात पर विचार करते रहितए कि सर्वश्रेष्ठ भी श्रेष्ठ बन सकता है और श्रेष्ठ बन सकता है सर्वश्रेष्ठ।

* अपने मूल सिद्धांतों की समीक्षा करते रहिए।

* सही काम करने के लिए आपको सही देखना होगा और सही ही अनुभव करना होगा।

ऐसे प्रयास करें कि असफलता असंभव हो जाए

* आने वाले कल में ही जीवन का सबसे बड़ा रोमांच है।

* मशीनों को काम करना चाहिए। इंसानों का कार्य सोचना और निर्णय लेना है।

* कनेक्शन न होने पर अधिकतर तार बेजान हो जाते हैं।

* सफलता, विफलता के विपरीत नहीं है। एक धावक चाहे आखिर में ही लक्ष्य पर क्यों न पहुंचे, अगर वह अपना रिकार्ड भी तोड़ता है तो वह सफल है।

* ज्यादातर लोग दूसरों की अपेक्षा अपने लिए अधिक सम्मान की आशा करते हैं।

* ईष्र्या और कुछ नहीं अपना ही दिल जलाती है।

* अगर संकेत मिल जाएं तो एक बड़ा कदम उठाने से घबराएं नहीं, क्योंकि आप एक चौड़ी खाई को दो छोटी छलांगों से पार नहीं कर सकते।

* बेकार की चीजों को भूल जाने की कोशिश कीजिए। हर चीज को याद रखने का मतलब है अपने दिमाग को कूड़ेदान बनाना।

* छोटी-छोटी बातों में समय मत गंवाइए।

* जब तक आप हर रोज अपने काम से नहीं जूझते तब तक आप अपने काम को संतोषजनक ढंग से नहीं कर सकते।

जब कभी आप हताश हों, तो माथे पर हाथ धरकर बैठे नहीं, कुछ प्रयास करें।

* क्रोध, प्रतिशोध की भावना की तरह, एक ऐसा पेय है जिसे ठंडा ही लिया जाए तो बेहतर है। धीमी आवाज में थोड़ी-सी नाराजगी भी चमत्कार कर सकती है। यह काम मुश्किल तो है, पर असंभव नहीं।

* किसी के पीछे मत चलिए, लेकिन सीखिए सबसे।

* प्रबंधन रुकावटों की वह श्रृंखला है जो बाधाओं से घिरी है। बाधाओं को कम करना सीखिए।

* जिसके पास अच्छे मित्र हैं, उसे दर्पण की जरूरत नहीं होती।

* यदि आप पहाड़ों को हिलाना चाहते हैं तो पहले पत्थरों को हिलाना सीखिए।

* शंकाओं और सुझाओं से आपको कभी हानि नहीं होती। उनको सहजता से ग्रहण करें।

* जब दूसरों को बदलना असंभव हो, तो स्वयं में परिवर्तन लाएं।

* हम समय बचाने के लिए काम जल्दी निपटा लेते हैं और बचे हुए समय का हम क्या करते हैं?... हम उसे व्यर्थ नष्ट कर देते हैं।

* अपने बारे में सोचने से पहले तीन मिनट लें।

* हारने वाले जो काम नहीं करना चाहते, विजेता उन्हीं कामों को करने की प्रवृत्ति रखते हैं।

* एक आदमी इस बात से दु:खी नहीं होता कि क्या होगा, बल्कि इस बात से दु:खी होता है कि क्या हो गया।

* कभी भी यह मत कहिए कि आपके पास समय नहीं है, आपके पास भी हर दिन उतने ही घंटे हैं जितने कि संसार के सभी महापुरुषों और अत्यंत सफल व्यक्तियों के पास थे।

* अगर मेरे पास एक पेड़ काटने के लिए आठ घंटे हैं तो मैं छह घंटे अपनी कुल्हाड़ी तेज करने में लगाऊंगा। तो आपके मन में उठी जीतने की इच्छा भी किसी काम की नहीं। अगर आपमें तैयारी करने की इच्छा नहीं है। गगनचुंबी इमारतों को बनाने में तो सिर्फ एक साल लगता है, लेकिन योजना बनाने में कई साल लग जाते हैं।

* घिसी-पिटी बातें थके-हारे लोगों के लिए हैं। हमारे जीवन का रूप वही होता है, जो हमारे विचार उसे देते हैं।

* अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मुर्ख काम करने के बाद।

* हमारा हर विचार हमारा भविष्य बना रहा है।

* अच्छे के लिए बदलाव हमेशा सोच में बदलाव से शुरू होता है। आपका दिमाग जहां जाता है। शक्ति भी वहीं बहती है।

* आप क्या चाहते हैं? अगर यह स्पष्ट हैं तो उसे पाने के लिए आपमें उतनी ही ज्यादा शक्ति आ जाती है।

(लेखक उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हैं। डायमंड पॉकेट बुक्स प्रा. लि. द्वारा प्रकाशित उनकी पुस्तक 'सफलता के अचूक मंत्र' से साभार)

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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