भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए कार्यबल गठित
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और 'भारत-बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' (आईबीसीसीआई) ने हाल ही में एक 10 सदस्यीय कार्यबल का गठन किया है। यह कार्यबल दोनों देशों के बीच निवेश की संभावना पर अध्ययन करेगा।
सीआईआई की प्रधान सलाहकार सुशांता सेन ने पत्रकारों को बताया कि कार्यबल दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को अध्ययन रिपोर्ट और एक प्रस्ताव भेजेगा।
बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त रजीत मित्तर ने कहा कि अभी दोनों देशों के बीच तीन अरब डॉलर का व्यापार होता है। इसमें काफी बढ़ोतरी की जा सकती है।
आईबीसीसीआई का मानना है कि ढांचागत सुविधाओं में सुधार कर और नियामक बाधाएं दूर कर इसे अगले साल तक दोगुना किया जा सकता है।
आईबीसीसीआई के अध्यक्ष अब्दुल मतलुब अहमद ने कहा कि बांग्लादेश अपनी कम्पनियों के भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में निवेश करने पर लगी पाबंदी को हटाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। भारत ने इस तरह की पाबंदी पहले ही हटा ली है।
अहमद ने बताया कि बांग्लादेश के कारोबारी उत्तर पूर्व में प्लास्टिक, वस्त्र और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं।
बांग्लादेश ने बुधवार को घोषणा की थी कि वह भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों को चटगांव और मोंगला बंदरगाह में प्रवेश करने की इजाजत देगा और इस क्षेत्र के साथ अपना संपर्क बढ़ाएगा।
अब तक विपक्षी पार्टियों के विरोध के कारण इन बंदरगाहों में भारत सहित कुछ अन्य देशों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।