रुचिका मामला : राठौड़ की जमानत को चुनौती देगा पीड़ित पक्ष
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को राठौड़ को जमानत दे दी। इस मामले में निचली अदालत ने राठौड़ को 18 महीने की सजा सुनाई थी। राठौड़ इन दिनों चण्डीगढ़ की बुड़ैल जेल में बंद है। 69 वर्षीय राठौड़ ने वर्ष 1990 में 14 साल की रुचिका गिरहोत्रा के साथ छेड़छाड़ की थी। इसके तीन साल बाद 1993 में रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी।
आनंद रुचिका की दोस्त आराधना के पिता हैं। उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "मैं मानता हूं कि जमानत की गुहार लगाना राठौड़ का अधिकार है लेकिन हम उसे जमानत देने के फैसले को चुनौती देंगे। हम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामले की अंतिम रिपोर्ट अम्बाला की अदालत में दायर किए जाने पर भी विरोध जताएंगे।"
आनंद ने कहा, "हमने सीबाआई को राठौड़ के खिलाफ सभी पुख्ता सुबूत मुहैया कराए थे। हमने गृह मंत्रालय को भी बताया था कि मामले की जांच कर रही सीबीआई राठौड़ को फायदा पहुंचाने का प्रयास कर रही है।"
उधर, रुचिका के पिता एस.सी. गिरहोत्रा ने आईएएनएस से कहा, "मैं इस फैसले से बहुत दुखी हूं। यही कितनी घृणित बात है कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने 14 साल की बच्ची के साथ दुर्व्यवहार किया। हम और देश की जनता भी चाहती है कि राठौड़ को ऐसी सजा मिले जो अपने आप में मिसाल हो ताकि कोई और एसी हरकत करने की हिमाकत न करे।"
उन्होंने कहा, "वैसे इसको लेकर चिंता करने की बात नहीं है। अभी सिर्फ जमानत मिली है। राठौड़ को मिली सजा में कोई कटौती नहीं हुई है। सीबीआई ने अम्बाला की अदालत में अंतिम रिपोर्ट दायर की। यह पूरी तरह से एकपक्षीय बात है। हम इसे भी चुनौती देंगे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।