मुस्लिम महिलाएं भी रखती हैं छठ व्रत
पटना के मकेर प्रखंड में जमलकी गांव के निवासी हसनजादो बेगम पिछले सात वषरें से छठ पर्व का अनुष्ठान कर रही हैं। आलमउद्दीन मियां की पत्नी हसनजादो ने आईएएनएस को बताया कि वह पिछले सात वषरें से छठ कर रही हैं। उनका कहना है कि वह आजीवन इस व्रत को जारी रखेंगी।
उन्होंने बताया कि सात वर्ष पूर्व उनके दो वर्षीय पुत्र की तबियत छह माह से खराब थी। कई चिकित्सकों को दिखाया परंतु कोई लाभ नहीं हुआ। इस बीच उसके आंख की रोशनी भी कम होने लगी और शौच के साथ खून आने लगा।
गांव की एक वृद्घ महिला ने उन्हें छठ का व्रत करने की सलाह दी। उसके बाद हसनजादो बेगम ने छठ पर्व विधि पूर्वक किया। 15 दिनों बाद ही उनके पुत्र की तबियत में सुधार होने लगा। उन्होंने बताया कि अब इस गांव की कई मुस्लिम महिलाएं श्रद्धा के साथ छठ कर रही हैं।
इधर, वैशाली के विदुपुर और लालगंज प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं, जहां की मुस्लिम महिलाएं छठ का पावन पर्व करती हैं। विदुपुर प्रखंड के मोहनपुर हाट क्षेत्र निवासी नजमा खातून पिछले 20 वषरें से छठ कर रही हैं। उनका कहना है कि इस पर्व के बीच मजहब कभी आड़े नहीं आता। वह अन्य हिन्दू महिलाओं के साथ पर्व की तैयारी करती हैं और एक ही घाट पर भगवान भास्कर को अघ्र्य देती हैं।
लालगंज प्रखंड के चंदबाग गांव की निसा खातून कहती हैं कि कई वषरें से इस क्षेत्र की मुस्लिम महिलाएं छठ पर्व करत रही हैं और इसे देखकर वह भी तीन वषरें से छठ पर्व कर रही हैं।
मुजफ्फरपुर के तीनकोठिया क्षेत्र में लगभग दो दर्जन ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं जो दीपावली के बाद से ही छठ पर्व की तैयारी प्रारंभ कर देती हैं। तीनकोठिया क्षेत्र की शुक्ला मार्ग निवासी मल्लिका कहती हैं कि वह 22 वर्षो से छठ कर रही हैं।
उनका कहना है कि आज छठ मइया के कारण ही उन्हें पांच बेटियों के बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। वह कहती हैं कि छठ मइया की महिमा अपरम्पार है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।