नस्लभेदी ईमेल पर भारत नाराज, आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त तलब (राउंडअप)
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। आस्ट्रेलियाई पुलिस द्वारा विक्टोरिया प्रांत में एक नस्लभेदी ईमेल प्रसारित किए जाने को लेकर भारत ने शनिवार को कड़ी नाराजगी जताई जबकि आस्ट्रेलिया ने खुद इस घटना को आक्रामक और अस्वीकार्य करार दिया है।
विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त पीटर वर्गीस को शनिवार सुबह तलब किया और उन्हें अपनी नाराजगी से अवगत कराया। इसके पहले आस्ट्रेलियाई मीडिया ने खबर दी थी कि विक्टोरिया पुलिस के अधिकारी ईमेल में भारत में एक रेल यात्री के करंट लगने से हुई मौत के बारे में मजाक उड़ाते हुए पकड़े गए।
समाचार पत्र 'हेराल्ड सन' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने उस मृत व्यक्ति का वीडियो फुटेज प्रसारित किया था, जो एक भीड़ भरी रेलगाड़ी की छत पर सवार होकर यात्रा कर रहा था।
अधिकारियों ने यह सुझाव भी दिया था कि मेलबर्न में भारतीय छात्रों की समस्या निपटाने का यह एक तरीका हो सकता है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, "आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त को इस बात से अवगत कराया गया कि कानून प्रवर्तकों के बीच भारतीय समुदाय के प्रति इस तरह की दुराग्रही भावना गंभीर चिंता का विषय है।"
बयान में आगे कहा गया है, "इस तरह के व्यवहार और आचरण के लिए किसी भी समाज में कोई भी जगह नहीं है।"
विदेश मंत्रालय की सचिव (पूर्व) विजय लता रेड्डी ने भारत सरकार की चिंताओं से वर्गीस को अवगत कराया।
उन्होंने कहा, "भारत उम्मीद करता है कि आस्ट्रेलिया भारतीय मूल के सभी लोगों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए जरूरी और प्रभावी कदम उठाएगा।"
बयान के अनुसार उच्चायुक्त ने भारतीय अधिकारियों से कहा कि आस्ट्रेलिया भी इस घटना की निंदा करता है। उन्होंने विक्टोरिया प्रांत के गवर्नर और मुख्य पुलिस आयुक्त की ओर से इस संबंध में पहले ही जारी किए जा चुके बयानों की प्रति भी सौंपी।
एक अलग बयान में वर्गीस ने साउथ ब्लॉक के बाहर संवाददाताओं को बताया कि इस घटना की कठोरतम तरीके से निंदा की जा चुकी है।
वर्गीस ने कहा, "यह ईमेल आक्रामक और अस्वीकार्य है। यह आस्ट्रेलियाई समाज के सहिष्णु और सम्मान के सिद्धांतों के पूरी तरह विपरीत है।"
वर्गीस ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि इस घटना ने विक्टोरिया पुलिस द्वारा उठाए गए कई सारे सकारात्मक कदमों पर पानी फेर दिया है। सकारात्मक कदमों में भारतीयों के लिए चौबीस घंटे का सहायता केंद्र स्थापित किया जाना शामिल है।"
वर्गीज ने कहा, "इस घटना में दो पुलिसकर्मी शामिल थे, इनमें से कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नहीं है। मैं नहीं समझता कि दो पुलिसकर्मियों के काम के लिए पूरी विक्टोरियाई पुलिस को दोषी ठहराना चाहिए।"
मुख्य आयुक्त सिमोन ओवरलैंड ने कहा कि ईमेल परेशान करने वाला और आक्रामक है।
विक्टोरिया प्रांत के गवर्नर जॉन ब्रुम्बे ने शुक्रवार को इस नस्लीय संदेश के प्रसार की निंदा की।
उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह आक्रामक और विक्टोरियाई समुदाय के मूल्यों के खिलाफ है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र संगठन के प्रवक्ता ने कहा, "यह बेहद नृशंस है कि कोई पुलिस अधिकारी किसी की मौत पर मजाक करे। मैं अचंभित हूं, यह बेहद भद्दा मजाक है।"
समाचार पत्र के मुताबिक इस मामले में पुलिस के कई उच्च अधिकारी फंसे हैं, ये अधिकारी अन्य अश्लील संदेशों के प्रसार में भी शामिल रहे हैं।
पुलिस कम्प्यूटर सिस्टम के जरिए अनुचित ईमेल भेजने के मामले में तीन पुलिस अधीक्षकों से पूछताछ के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ। कई इंस्पेक्टर भी इस मामले में फंसे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।