पाकिस्तान में भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो के नए प्रमुख का विरोध
इस्लामाबाद, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विपक्षी नेता देश के भ्रष्टाचार निरोधी सर्वोच्च संगठन राष्ट्रीय उत्तरदायित्व ब्यूरो (एनएबी) के नए अध्यक्ष की नियुक्ति से असंतुष्ट हैं और वे इसे चुनौती देना चाहते हैं।
एनएबी के अध्यक्ष को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार स्विस प्रशासन को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने के लिए एक पत्र लिखना है। जरदारी पर आरोप है कि उन्होंने स्विस बैंक में लाखों रुपये छुपाकर रखे हुए हैं।
जरदारी ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीदार हुसैन शाह की एनएबी के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को स्वीकृति दी। शाह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए जाने से पहले 1988 एवं 1990 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के टिकट पर नेशनल एसेम्बली के लिए चुने गए थे।
पीपीपी से उनके रिश्ते के कारण उनकी नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष शाह की नियुक्ति को रद्द करने की मांग कर रहा है।
संसद में विपक्ष के नेता निसार अली खान ने कहा, "हम इस नियुक्ति को चुनौती देंगे।"
दूसार ओर, कानून मंत्री बाबर अवान ने कहा कि 'शाह की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर' की गई है।
समझा जाता है कि सरकार राजनीतिक नियुक्तियों में अनुचित तरीके अपनाती रही है। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान भी एनएबी में सैन्य शासन के इशारे पर नियुक्तियां हुई थीं।
मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान विपक्षी पार्टियां पीएमएल-एन और पीपीपी ने एक करार का प्रस्ताव रखा था, जिसके मुताबिक एनएबी प्रमुख की नियुक्ति सरकार और विपक्ष के बीच सहमति से होने की बात कही गई थी।
नए एनएबी प्रमुख की नियुक्ति की घोषणा पर सरकार के सहयोगी दल अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई है। एएनपी का कहना है कि 'उसे इसके लिए खेद है कि सरकार ने उसे विश्वास में नहीं लिया।'
एएनपी प्रवक्ता जाहिद खान ने आईएएनएस से कहा, "ऐसा अहम कदम उठाए जाने से पहले साझेदारों से मशविरा किया जाना चाहिए था।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।