साइबर हमले से बचने के लिए प्रणाली विकसित होगी

By Neha Nautiyal
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बेंगलुरू, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अपने संवेदनशील आंकड़ों को साइबर हमलों से बचाने के लिए एक अत्याधुनिक संचालन प्रणाली विकसित कर रहा है।

डीआरडीओ के महानिदेशक वी.के.सारस्वत ने यहां आयोजित एक समारोह के इतर मौके पर संवाददाताओं को बताया, "हमने सितम्बर में स्वदेशी कम्प्यूटिंग परियोजना शुरू की और कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए एक खाका तैयार किया जा रहा है।"

बेंगलुरू एवं नई दिल्ली में स्थित होने वाली यह संचालन प्रणाली दुनिया भर में इस्तेमाल की जाने वाली प्रणालियों के जैसी ही होगी।

रक्षा प्रयोगशाला, सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (सीएआईआर) में एक प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करने के बाद सारस्वत ने कहा, "यद्यपि यह विंडो सॉफ्टवेयर सहित एक रियल टाइम प्रणाली होगी, लेकिन इस पर सोर्स कोड एवं आर्किटेक्च र का आधिपत्य होगा, जो हमें अवांछित तत्वों से अनभिज्ञ एक प्रणाली के स्वामित्व की विशिष्टता प्रदान करेगा और हमारी सुरक्षा प्रणाली की हिफाजत करेगा।"

नई संचालन प्रणाली, इंटरनेट से होने वाले साइबर हमलों के प्रति संगठन की कमजोरी एवं संवेदनशीलता को भी कम करेगी।

सारस्वत ने कहा कि इस प्रकार की पहली प्रणाली का इस्तेमाल विभिन्न अनुसंधान क्षेत्रों में रक्षा कम्प्यूटिंग प्रणालियों को सुरक्षित करने के लिए किया जाएगा। इन अनुसंधान क्षेत्रों में मॉलीक्युलर कम्प्यूटिंग एवं बायो-मॉलीक्युलर कम्यूटिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

ज्ञात हो कि सारस्वत रक्षा मंत्री के सुरक्षा सलाहकार भी हैं।

सारस्वत ने कहा, "हमने इस परियोजना पर काम करने के लिए बेंगलुरू एवं नई दिल्ली में विभिन्न रक्षा प्रयोगशालाओं से 50 वैज्ञानिकों का चयन किया है। हमने परियोजना के विकास के लिए निजी कंपनियों को भी जोड़ा है।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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