भारतीय महिला मुक्केबाज़ एमसी मैरी कॉम महिला मुक्केबाज़ी के विश्व चैपिंयनशिप मुक़ाबले के फ़ाइनल में पहुंच गईं हैं.
बार्बाडोस की राजधानी ब्रिजटॉउन में चल रही इस चैपिंयनशिप के सेमिफ़ाइनल मुक़ाबले में मैरी कॉम ने फिलिपींस की एलिस केट एपारी को 8-1 से शिकस्त देकर फ़ाइनल में जगह बनाई है.
इस जीत के साथ ही विश्व चैंपियनशिप में मैरी कॉम का रजत पदक पक्का हो गया है.
अपनी इस जीत पर खुशी ज़ाहिर करते हुए उन्होंने कहा, "मैं अभी तक के अपने प्रदर्शन से काफ़ी खुश हूं. इस बार भी स्वर्ण पदक जीतने की भरसक कोशिश करुंगी लेकिन ऐसी बातों पर मैं ज़्यादा ध्यान नहीं देती हूं, क्योंकि मुझे खेल पर ध्यान देने की ज़रूरत है. अगर मैं अच्छा खेलूंगी तो ज़रूर जीतूंगी."
फ़ाइनल में मैरी कॉम का मुक़ाबला रोमानिया की स्टेलुटा डूटा से होगा. स्टेलुटा ने सेमिफ़ाइनल में कज़ाकिस्तान की नजगुल बोरानबेवा को 10-5 से हराया था।
वर्ष 2000 में मुक्केबाज़ी की दुनिया में कदम रखने वाली मैरी कॉम ने 2001 में मुक्केबाज़ी की एक चैंपियनशिप में दूसरा स्थान हासिल किया था.
भारत के मणिपुर राज्य की रहनेवाली मैरी कॉम शादीशुदा हैं और दो बच्चों की माँ है. घर-परिवार और बच्चों को संभालने के साथ मुक्केबाज़ी के अपने करियर को उन्होंने जिस तरह संभाला है वह काबिले तारीफ़ है.
मैरी कॉम के इस प्रदर्शन को देखते हुए खेल प्रेमी काफ़ी खुश नज़र आ रहे हैं. आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में उन्हें पदक के प्रबल दावेदार के रूप में भी देखा जा रहा है.
मैरी कॉम को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है.
अब तक मैरी कॉम का प्रदर्शन- वर्ष 2001 - विश्व एमेचर मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप - रजत पदक वर्ष 2002 - विश्व एमेचर मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप - स्वर्ण पदक वर्ष 2005 - विश्व एमेचेर मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप - स्वर्ण पदक वर्ष 2006 - विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप - स्वर्ण पदक वर्ष 2008 - विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप - स्वर्ण पदक