सुबनसिरी परियोजना पर काम आगे बढ़ाएगा अरुणाचल प्रदेश
नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कार्पोरेशन (एनएचपीसी) के अध्यक्ष एवं कार्यकारी निदेशक एस. के. गर्ग ने आईएएनएस से कहा, "सुबनसिरी ऊर्जा परियोजना में निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंच चुका है और दिसंबर 2012 तक यहां से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।"
करीब 9,000 करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना का काम वर्ष 2003 में शुरू हुआ था। असम में पर्यावरण संगठनों और अन्य समूहों ने इसका विरोध किया था। अन्य संगठनों के अलावा असम सरकार ने भी इस परियोजना का विरोध करते हुए कहा कि इससे असम के इलाके में बुरा असर पड़ेगा।
गर्ग ने कहा, "लोगों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है और हम लोगों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं कर रहे हैं।"
परियोजना के विरोध के संबंध में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने पिछले सप्ताह इस मुद्दे पर विभिन्न संगठनों के साथ लंबी बातचीत की थी।
रमेश ने कहा, "अरुणाचल प्रदेश में बन रहे बड़े बांध को लेकर असम के लोगों की चिंताओं को मैं प्रधानमंत्री तक पहुंचाऊंगा। यह केवल असम का विषय नहीं है यह पूरे देश का मसला है।"
एनएचपीसी अध्यक्ष ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने से पहले हमने सभी जरूरी मंजूरियां ली हैं।
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न निजी कंपनियों के साथ करीब 30,000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन क्षमता की 10 परियोजनाओं के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
तिब्बत और म्यांमार से जुड़ी सीमा वाले इस प्रदेश में 50,000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन की संभावनाएं जताई गई हैं।
तमाम विरोध के बावजूद अरुणाचल प्रदेश सरकार इस परियोजना का काम जारी रखने के लिए अडिग है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।