आउटसोर्सिग के खिलाफ अमेरिकी संरक्षणवाद पर भारत ने चिंता जताई
राव ने अमेरिका के संरक्षणवादी रवैये को भारतीय उद्योगों के लिए बड़ी चिंता बताते हुए कहा, "ये मुद्दे हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय हैं और हम इन्हें पहले की कई बैठकों में उठा चुके हैं।"
राव ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, सहायक विदेश मंत्री विलियम बर्न्स और वाणिज्य विभाग के अन्य सदस्यों से मुलाकात की।
समाचार चैनल एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में राव ने कहा कि इस मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन के साथ कई बैठकों में चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के संरक्षणवादी नजरिए के चलते भारतीय उद्योगों की चिंताओं को प्रस्तुत किया है, इस मसले को हल करने की जरूरत है।
राव अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नवम्बर में प्रस्तावित भारत यात्रा का एजेंडा तय करने अमेरिका की यात्रा पर गई हैं।
पिछले महीने ओहायो प्रांत के गवर्नर टैड स्ट्रिकलैंड ने आउटसोर्सिग पर प्रतिबंध लगा दिया था। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों को मिलने वाले एच-1 बी और एल-1 वीजा पर शुल्क में भी वृद्धि की गई है।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग संगठनों का कहना है कि अमेरिका के इस कदम से भारतीय कंपनियों की लागत 20 करोड़ डॉलर बढ़ जाएगी। इससे भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध प्रभावित होंगे।
ओहायो प्रांत में लगाए गए इस प्रतिबंध के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर ने हाल ही में कहा कि इस कदम से भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों का आधार काफी विस्तृत और मजबूत है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।