उत्तर भारत में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित (लीड-1)
नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है।
दिल्ली में सोमवार सुबह बारिश होने से जगह-जगह पानी भर गया और यातायात जाम की समस्या पैदा हो गई। मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि शहर के कुछ इलाकों में और अधिक बारिश होने की संभावना है। शहर में अब तक इस मानसून सत्र में कुल 645.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो औसत से 32 फीसदी अधिक है।
दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे से निशान से 36 सेंटीमीटर ऊपर 205.19 मीटर तक पहुंच गया है। यमुना पिछले तीन दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही और बाढ़ की आशंका से निचले इलाके के लोगों को हटा लिया गया है।
पंजाब और हरियाणा के भी ज्यादातर इलाकों में हल्की से भारी बारिश हो रही है और यमुना के जलस्तर में और वृद्धि हुई है। सोनीपत के बहुत से गांवों में बाढ़ की आशंका के मद्देनजर चौकसी बरती जा रही है।
उधर, उत्तराखण्ड में लगातार बारिश होने की वजह से सड़कों पर मलबा आ जाने से केदारनाथ और बद्रीनाथ यात्रा सोमवार सुबह से ही बंद है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि राज्य में बारिश का दौर अभी जारी रहने के आसार हैं।
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है। इससे आसपास के इलाके के लोगों को राहत मिली है। जिलाधिकारी आर.मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि गंगा का पानी खतरे के निशान से नीचे चला गया है।
उधर उत्तर प्रदेश में, नेपाल और उत्तराखण्ड से आने वाले पानी की वजह से खतरे के निशान से ऊपर बह रही शारदा और घाघरा नदियों का पानी सैकड़ों गांवों में प्रवेश कर गया है।
उत्तराखण्ड स्थित बनबसा बैराज से भारी मात्री में पानी छोड़े जाने और नेपाली नदियों में जलस्तर बढ़ने से शारदा और घाघरा में उफान आ गया है जिससे कई जिले प्रभावित हुए हैं। लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोंडा, सीतापुर, बस्ती और बाराबंकी जिलों के निचले इलाकों के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को नावों और मोटरबोटों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की एक कंपनी को लगाया गया है।
बहराइच के आदमपुर-रेवली तटबंध पर लगातार हो रहे कटान से लोगों में दहशत हो गई है। बहराइच के साथ-साथ बाराबंकी और गोंडा में भी घाघरा नदी से तबाही का संकट मंडरा रहा है। बाराबंकी में घाघरा नदी खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
गोंडा के तरबगंज और नवाबगंज तहसीलों के करीब 15 गांव घाघरा नदी से प्रभावित हुए हैं। यहां घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। गोंडा-मौलानी रेलखण्ड पर कई स्थानों पर बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है। लखीमपुर खीरी में शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 153.62 मीटर से 43 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है।
फरूखाबाद, मेरठ और एटा में गंगा नदी का जलस्तर खतरे ने निशान के निकट पहुंच गया है। इन जिलों के कुछ इलाकों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। सिद्धार्थनगर में राप्ती, अयोध्या में सरयू, बस्ती में घाघरा और पीलीभीत में शारदा का जलस्तर लोगों की चिंता बढ़ा रहा है।
पिछले 24 घंटों के दौरान राजधानी लखनऊ सहित राज्य के अधिकांश इलाकों में तेज बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में राज्य के तराई, पश्चिमी और मध्य हिस्सों में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना जताई है।
राजस्थान में लगातार हो रही मानसून की जोरदार बरसात से कई जिलों में छोटे बांध और एनीकट टूट जाने से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। सिंचाई विभाग के अनुसार पिछले पांच रोज से जारी बारिश के कारण राज्य की तकरीबन सभी छोटी-बड़ी नदियों और बांधों में पानी काफी तेजी से आ रहा है। लगातार तेज बारिश के कारण प्रदेश के कई जिलों के गांवों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बरसात होने की संभावना जताई है।
दूसरी ओर सूखाग्रस्त बिहार में सावन महीने के अंत में हुई तेज बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है। किसानों के लिए यह बारिश 'डूबते को तिनके के सहारे' की तरह है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के करीब सभी क्षेत्रों में बारिश हुई है। राजधानी पटना में 77 मिलीमीटर, पूर्णिया में 30 और गया में 19 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक रामकुमार प्रसाद सिन्हा ने आईएएनएस को बताया कि बारिश से खेतों में लगी धान की फसल को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे दलहन और तिलहन को भी फायदा हुआ है। मानसून की बेरूखी के कारण राज्य के सभी 38 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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