इस शानदार सफलता के माध्यम से अटवाल ने देश का नाम रोशन किया है। पेशेवर गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआई) के निदेशक पद्मजीत संधू और एशियन टूर के कार्यकारी अध्यक्ष केइ हान सहित देश के कई प्रमुख खिलाड़ियों ने अटवाल को इस सफलता पर बधाई दी है।अटवाल ने सेडफील्ड कंट्री गोल्फ क्लब में रविवार को पीजीए वायनधम चैम्पियनशिप खिताब अपने नाम किया। अटवाल ने चौथे दौर के 72वें होल पर बर्डी के साथ दिन का समापन थ्री-अंडर 67 के कार्ड के साथ किया। इस तरह वह 20 अंडर 260 के कुल स्कोर के साथ खिताब अपने नाम करने में सफल रहे।अटवाल ने तीसरे दौर में फाइव अंडर 65 का कार्ड खेलते हुए अपना कुल स्कोर 17 अंडर 193 कर लिया था। वह दूसरे स्थान पर चल रहे खिलाड़ी से तीन शॉट की बढ़त बनाए हुए थे। चौथे दौर में अच्छे प्रदर्शन ने उन्हें खिताब तक पहुंचा दिया।वर्ष 2003 में एशिया के नंबर-1 गोल्फर होने का गौरव हासिल करने वाले अटवाल ने इससे पहले एशिया, यूरोपीय और नेशनवाइड टूर खिताब जीते हैं। अटवाल ने कहा, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि मैंने खिताब जीत लिया है। यह मेरा बहुत पुराना सपना था लेकिन अब जबकि यह सच हो गया है मुझे यकीन नहीं हो रहा है। मैं बहुत खुश हूं। मेरे पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द नही हैं।खास बात यह है कि अटवाल ने गत सोमवार को आयोजित क्वालीफाईंग प्रतियोगिता के माध्यम से इस चैम्पियनशिप में खेलने का अधिकार हासिल किया था। जिन खिलाड़ियों को इस प्रतियोगिता में खेलने के लिए सीधा प्रवेश नहीं मिलता है उन्हें क्वालीफाईंग दौर से गुजरना पड़ता है।इससे भी ज्यादा अहम बात यह है कि अटवाल ने क्वालीफाईंग खिलाड़ी के तौर पर प्रतियोगिता जीतकर एक इतिहास कायम किया है। वह 24 वर्ष में यह मुकाम हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी हैं। इससे पहले 1986 में फ्रेड वार्डसवर्थ ने साउर्दन ओपन खिताब अपने नाम किया था।यह खिताब जीतने वाले वह पहले भारतीय हैं। भारतीय मूल के खिलाड़ी डेनियल चोपड़ा ने इससे पहले यह खिताब दो बार जीता है लेकिन डेनियल के पास भारत का नहीं बल्कि स्वीडन का पासपोर्ट है। इस जीत के बदले अटवाल को 918,000 डॉलर मिले। यह उनके अब तक के करियर का सबसे बड़ा पुरस्कार है।इस खिताबी जीत ने अटवाल को इस वर्ष के सभी पीजीए टूर चैम्पियनशिप में खेलने का अधिकार दे दिया है। यही नहीं, वह अगले वर्ष तक बिना किसी क्वालीफाईंग के सभी पीजीए टूर में खेलते रहेंगे। इसके अलावा अटवाल को मास्टर्स सहित अगले वर्ष कई प्रमुख आयोजनों के लिए विशेष आमंत्रण मिलेगा। कुल मिलाकर आने वाला वक्त अटवाल के लिए सबसे व्यस्त होगा।अटवाल के दोस्त और भारत के एक अन्य प्रमुख खिलाड़ी जीव मिल्खा सिंह हालांकि इस चैम्पियनशिप में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। एशिया के नंबर एक गोल्फर जीव ने चौथे दौर में फोर अंडर 66 का कार्ड खेला और कुल 14 अंडर 266 स्कोर के साथ संयुक्त रूप से 18वां स्थान हासिल किया। यह पहला मौका है जब भारत के दो गोल्फ खिलाड़ी किसी पीजीए आयोजन में शीर्ष-20 में स्थान बनाने में सफल रहे।इस शानदार सफलता पर अटवाल को पेशेवर गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआई) के निदेशक पद्मजीत संधू, एशियन टूर के कार्यकारी अध्यक्ष केइ हान और दो बार एशियन टूर खिताब जीत चुके गगनजीत भुल्लर सहित कई प्रमुख गोल्फरों ने बधाई दी है। इन सबने अटवाल की इस सफलता को भारतीय गोल्फ के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया है।भुल्लर के मुताबिक अटवाल ने इस सफलता के माध्यम से भारत के तमाम खिलाड़ियों के लिए एक मील का पत्थर स्थापित कर दिया है। जीव मिल्खा सिंह ने यूरोपीयन और एशियाई टूर में तमाम सफलताएं अर्जित की हैं लेकिन वह भी अब तक पीजीए टूर खिताब नहीं जीत सके जबकि अटवाल ने चोट से उबरने के बाद शानदार इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए अपने इस सपने को सच किया।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।