कीमतों में वृद्धि सरकार की विफलता नहीं : प्रणब
मुखर्जी ने लोकसभा में कहा कि जब तक केंद्र सरकार कानून के संविधान द्वारा प्रदत्त अपने कर्तव्यों के निर्वहन में विफल नहीं हो जाती, तब तक इस मामले पर काम रोको प्रस्ताव के तहत चर्चा नहीं हो सकती, जो कि मतदान का मार्ग प्रशस्त करता है।
विपक्ष द्वारा पेश किए गए काम रोको प्रस्ताव के नोटिस को सदन द्वारा अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर जारी बहस में हस्तक्षेप करते हुए मुखर्जी ने कहा, "मेरा सीमित विचार यह है कि इस नोटिस को काम रोको के रूप में स्वीकार करने को लेकर मुझे कुछ आपत्तियां हैं।"
नियमों का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा कि काम रोको प्रस्ताव के तहत चर्चा किए जाने वाले मुद्दे को सुनिश्चित और सरकार की कार्यप्रणाली से संबंधित होना चाहिए।
मुखर्जी ने कहा कि निति निर्णायकों को ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी से कोई खुशी नहीं मिलने वाली है। "इसके पीछे खास मजबूरियां हैं। मेरे सामने खास मजबूरियां थी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। इसमें सरकार की कोई विफलता नहीं है।"
सदन के नेता मुखर्जी ने फिर भी कीमतों में वृद्धि पर बहस का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "उपचारात्मक उपायों के तहत मुद्दे से जुड़े सभी पहलुओं पर बहस की जाएगी। यदि विपक्षी सदस्यों के पास रचनात्मक उपाय हैं, तो मैं उसका स्वागत करूंगा।"
मुखर्जी ने कहा, "हम मुद्दे पर बहस करना चाहेंगे। बहस करने में मुझे कोई समस्या नहीं है। सरकार इसका स्वागत करती है, लेकिन काम रोको प्रस्ताव के तहत इस पर चर्चा नहीं की जा सकती।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।