भारत-दक्षिण अमेरिका में व्यापार बढ़ाने की अपार संभावनाएं
वाशिंगटन, 28 जुलाई (आईएएनएस)। इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक (आईडीबी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत और दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच बड़े पैमाने पर व्यापारिक और निवेश संभावनाओं को भुनाने के लिए इन देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
आईडीबी द्वारा 'भारत: लैटिन अमेरिका नेक्सट बिग थिंग' शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में हाल के वषों में भारत और दक्षिण अमेरिकी देशों के बीच हुइर्ं व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों का विश्लेषण करते हुए इन देशों पर इसके प्रभाव को स्पष्ट किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत चीन की तरह एक विशाल अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और यह दक्षिण अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के लिए एक विशाल बाजार है।
महाद्वीप के आकार वाले भारत की विशाल जनसंख्या में दक्षिण अमेरिका के प्रमुख निर्यात कृषि और खनिज उत्पादों के लिए काफी बड़ा बाजार मौजूद है।
फिलहाल दक्षिण अमेरिकी देशों के व्यापार में भारत का हिस्सा केवल 0.8 प्रतिशत है जबकि चीन का हिस्सा 7.7 प्रतिशत है।
अमेरिका में भारतीय राजदूत मीरा शंकर ने कहा भारत और दक्षिण अमेरिका में हाल के वर्षों में हुए राजनीतिक बदलाव के चलते आपसी सहयोग में वृद्धि की संभावनाएं बढ़ी हैं।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अरविंद पनगर्या ने कहा कि भारत से व्यापार की संभावनाएं इस बात पर निर्भर हैं कि दक्षिण अमेरिकी देश कितनी तेजी से विकास करते हैं।
उन्होंने कहा भारत फिलहाल दुनिया की 11 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यदि इसके सकल घरेलू उत्पाद में विकास की दर 10 फीसदी बनी रही तो यह अगले 15 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।