तीसरे दिन का खेल भी देर से शुरू हुआ। भारतीय टीम को जल्द ही पारानाविताना के रूप में बड़ी कामयाबी मिल गई। वह ईशांत शर्मा की गेंद पर विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धौनी के हाथों लपके गए। पारानाविताना ने 111 रन बनाए। इसके ठीक बाद युवा गेंदबाज अभिमन्यु मिथुन की गेंद पर समरवीरा पगबाधा करार दिए गए। समरवीरा अपना खाता भी नहीं खेल सके। माहेला जयवर्धने 16 और एंजेलो मैथ्यूज चार बनाकर नाबाद थे।इससे पहले दूसरे दिन का खेल पूरी तरह से बारिश की भेंट चढ़ गया था। पहले दिन भी खराब मौसम की वजह से पूरे 90 ओवर नहीं फेंके जा सके थे। श्रीलंकाई टीम ने पहले दिन 68 ओवरों में दो विकेट पर 256 रन बनाए थे। कप्तान कुमार संगकारा ने पहले ही दिन शतक जड़ा था। संगकारा 103 रन बनाकर वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर आउट हुए थे। श्रीलंका को पहला झटका तिलकरत्ने दिलशान के रूप में 55 रन के कुल योग पर लगा था।गौरतलब है कि गॉल टेस्ट कई मायनों में यादगार है क्योंकि श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के करियर का यह आखिरी मैच है। मुरली ने टेस्ट मैचों में सर्वाधिक 792 विकेट लिए हैं।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।