मुद्रा आपूर्ति बढ़ी तो महंगाई को नियंत्रित करेगा आरबीआई (लीड-1)
कैबिनेट सचिव का यह बयान आरबीआई की 27 जुलाई को होने जा रही तिमाही मौद्रिक समीक्षा से एक हफ्ते पहले आया है।
चंद्रशेखर ने कहा, "मुझे लगता है कि आज की स्थिति में महंगाई बड़ा खतरा है लेकिन इस बात का निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक लेगा कि महंगाई का कारण मुद्रा की आपूर्ति बढ़ना है या नहीं।"
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "यदि यह तरलता में बढ़ोतरी के कारण है तो आरबीआई इसे नियंत्रित करने के कदम उठाएगा। आरबीआई कैसे करेगा यह मैं नहीं जानता लेकिन इसका अध्ययन करेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे।"
इसके अलावा उन्होंने खाद्य पदार्थो की उच्च महंगाई दर के बारे में कहा कि कम आपूर्ति और भारी मांग के चलते दालों की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रहेंगी। वहीं संपूर्ण मुद्रास्फीति की दर दिसंबर तक 5-6 प्रतिशत के सामान्य स्तर पर पहुंच जाएगी।
सीआईआई द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के दौरान एक पत्रकार वार्ता में कैबिनेट सचिव के. एम. चंद्रशेखर ने कहा, "जहां तक दालों का सवाल है, इनकी कीमतें सरकार के लिए समस्या बनी रहेंगी।"
उन्होंने कहा, "दालों के मामले में मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर बना हुआ है।"
भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उपभोक्ता और आयातक है। देश में दालों की सालाना घरेलू मांग करीब 1.5 करोड़ टन है जबकि इनका उत्पादन केवल 30 लाख टन है।
उन्होंने कहा, "हम दुनिया भर में मौजूद लगभग सारी दालों का उपभोग कर चुके। अब हम विदेशों से भी दालें नहीं खरीद सकते।"
खुदरा बाजार में खाद्यान्नों की कीमतों में कमी के सवाल पर उन्होंने कहा, "सरकार ने चावल और गेहूं की खरीदारी बढ़ाने के लिए इनका न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले ही बढ़ा दिया है इससे खाद्यान्नों की आपूर्ति में वृद्धि होगी।"
चीनी के संबंध में उन्होंने कहा कि कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होना चाहिए, इन्हें स्थिर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चीनी की कीमतों में कुछ कमी आएगी वहीं खाद्य तेलों के दाम स्थिर रहेंगे।
देश में 3 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में खाद्य पदार्थो की महंगाई दर 12.81 प्रतिशत पर पहुंच गई।
चंद्रशेखर ने कहा, "जहां तक सब्जियों का सवाल है इनकी आपूर्ति मौसम से प्रभावित होती है। पिछले तीन से चार महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर इनका कोई खास फर्क नहीं पड़ा है।"
ऊंची महंगाई दर के बारे में चंद्रशेखर ने कहा, "खाद्य पदार्थो की कीमतें स्थिर होते ही महंगाई दर भी 5-6 प्रतिशत के सामान्य स्तर पर पहुंच जाएगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।