गॉल टेस्ट मैच में तिकरत्ने दिलशान, थिलन समरवीरा, प्रसन्ना जयवर्धने और लसिथ मलिंगा का विकेट झटककर चर्चा में आए मिथुन ने क्रिकेट कमेंटेटर और भारत के पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज अरुण लाल से बातचीत के दौरान कहा कि वह सिर्फ अच्छा खेलना चाहते थे, देश के लिए खेलने के बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था।सौम्य और संकोची से दिखने वाले मिथुन ने कहा, मैंने देश के लिए खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मैं सिर्फ यही सोचता था कि मैं क्रिकेट में अच्छा करुं गा। मैं खुश हूं कि मैंने अच्छा किया और आगे के लिए रास्ते अपने-आप बनते चले गए। आज मैं अपनी कामयाबी से खुश हूं।मिथुन आज के दौर के उन चुनिंदा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्होंने 17 वर्ष की उम्र तक चमड़े की गेंद को हाथ नहीं लगाया था। एक खिलाड़ी के तौर पर मिथुन ने पहले एथलेटिक्स और डिस्कस थ्रो में हाथ आजमाया लेकिन इसके बाद उन्होंने क्रिकेट को अपनाने के बारे में सोचा।छह फुट दो इंज लम्बे मिथुन ने बेंगलुरू में स्थित अपने पिता के जिम से एक तेज गेंदबाज के लिए जरूरी शरीर विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की और जल्द ही कर्नाटक तथा राष्ट्रीय अंडर-19 और फिर कर्नाटक की रणजी टीम के सदस्य बने।बीते रणजी सत्र में मिथुन ने कर्नाटक के लिए 47 विकेट लेकर एक कीर्तिमान स्थापित किया था। इसमें मुंबई के खिलाफ हुए फाइनल मुकाबले में लिए गए पांच विकेट भी शामिल हैं। उस प्रदर्शन के आधार पर उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में बेंगलोर रॉयल चैलेंजर्स के लिए खेलने का मौका मिला था।इस श्रृंखला के लिए मिथुन का चयन किसी उपहार से कम नहीं। दिग्गज तेज गेंदबाज जहीर खान और फिर शांताकुमारन श्रीसंत के श्रृंखला से ठीक पहले चोटिल होने के बाद चयनकर्ताओं ने उन्हें मौका देने का फैसला किया, जिसे उन्होंने दोनों हाथों से लपक लिया।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।