बेटी की शादी के बाद जगन अब नहीं उठाएगा बंदूक
जयपुर, 20 जुलाई (आईएएनएस)। चंबल का सबसे खूंखार डकैत जगन गुर्जर अब कभी बंदूक नहीं उठाएगा। गोद ली हुई बेटी के हाथ पीले करने के बाद जगन ने भविष्य में अपराध छोड़ने का वादा किया। जगन ने सोमवार को पुलिस से कहा कि उसके अपराधों की जो सजा बाकी है, उसे अब वह कानूनी तरीके से स्वीकार करेगा और जेल से रिहा होने के बाद खेती कर अपना जीवन बिताएगा।
राजस्थान और मध्यप्रदेश में चंबल के बीहडों में खौफ का पर्याय रहा जगन गुर्जर सोमवार रात भरतपुर जिले की सेवर उप जेल से अदालत के आदेश पर कड़ी सुरक्षा के बीच धौलपुर जिले में बाड़ी तहसील के भवूतीपुरा गांव लाया गया और अपनी लाडली मीरा के हाथ पीले कर उसे सुखी जीवन जीने का आशीर्वाद दिया।
जगन को अपनी कोई लड़की नहीं है। उसने अपने बड़े भाई की लड़की को ही गोद लिया था। अपने चार बेटों से कहीं ज्यादा मीरा को प्यार करने वाले जगन बीहड़ों में रहकर भी कभी-कभी चोरी छुपे उससे मिलने आता था। डेढ़ साल पहले राजस्थान के करौली जिले में एक लंबी मुठभेड के बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। जगन गुर्जर अपनी टीम के कई सदस्यों के साथ इन दिनों सेवर जेल में सजा काट रहा है। बेटी का रिश्ता होने के बाद से ही उसने बेटी के हाथ पीले करने जाने के लिए इजाजत मांगी थी।
धौलपुर के पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार ने बताया, "जगन को भरतपुर से ही कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया था और गांव में उसके घर ले जाने से पहले ही उसे किसी प्रकार की चालाकी या गड़बड़ी नहीं करने की हिदायत दी गई थी। जगन के लोग किसी तरह की साजिश रच सकते थे या गांव में जमा करीब चार पांच सौ लोगों को देख कर भी जगन के रवैये में अचानक बदलाव आ सकता था, इस सबको ध्यान में रखकर विवाह के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।"
पुलिस के अनुसार जगन गुर्जर के बंदूक उठाने के बाद से ही भवूतीपुरा गांव में एक दशक से भी ज्यादा समय तक कोई विवाह समारोह नहीं हुआ। जगन के डकैत बनने के बाद से उसके तीन भाइयों ने भी बीहड़ की तरफ रुख कर लिया था। बाद में उसके पिता भी गांव छोड़कर चले गए। इस परिवार के आतंक के कारण गांव तकरीबन वीरान पड़ा था। कल रात पहली बार वहां बड़ी तादात में लोग जमा हुए। गांव में आए लोगों में विवाह से ज्यादा जगन को निहारने की ललक थी। पुलिस ने बताया कि आसपास के गांवों के लोग भी जगन को देखने पहुंचे।
सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बेटी के हाथ पीले करने के बाद जगन शांति से अपने अपराधों की सजा काटना चाहता है। जगन ने उन्हें इस बात का आश्वासन दिया और कहा कि जो सजा दी गई है उसे पूरी करेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।