शिवराज के बयान पर विधानसभा में हंगामा
इस हंगामे के बीच सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने भी भोपाल गैस त्रासदी पर हंगामा शुरू कर दिया। आखिर में विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी को कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी और विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया।
मंगलवार को कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगन प्रस्ताव पर भ्रष्टाचार और मुख्यमंत्री के बयान पर चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया और आसंदी (वेल) के सामने पहुंचकर नारेबाजी की।
गौरतलब है कि मुख्यमत्री चौहान ने दो दिन पहले शिवपुरी जिले में कहा था कि वह भू-माफिया और अन्य माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि यही कारण है कि माफिया पैसा इकट्ठा कर उन्हें हटाना चाहते हैं।
उनके इस बयान पर कांग्रेस की मांग थी कि चौहान उन नामों का खुलासा करें जो ऐसा कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसके लिए स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की।
कांग्रेस की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने भरोसा दिलाया कि वह इस विषय पर चर्चा कराएंगे, मगर विपक्ष मंगलवार को ही चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़ गया। कांग्रेस विधायकों ने सदन के भीतर जमकर नारेबाजी कर कार्यवाही नहीं चलने दी। वहीं भाजपा विधायकों ने भी भोपाल गैस त्रासदी के दोषियों को सजा दिलाने की मांग करते हुए हंगामा किया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस विधायक अध्यक्ष के कक्ष के सामने धरने पर बैठ गए। इतना ही नहीं उन्होंने रोहाणी पर भी सांठ-गांठ के आरेाप लगाया।
कांग्रेस के उपनेता चौधरी राकेश सिंह का आरोप है कि विधानसभा में संसदीय परंपराओं का उल्लंघन हो रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री माफिया से भयभीत है, जिसके चलते प्रदेश में अस्थिरता का वातावरण बन गया है। चौधरी ने कहा कि इस लोक महत्व के विषय पर चर्चा जरूरी है मगर विधानसभा अध्यक्ष इससे बच रहे हैं।
वहीं कांग्रेस विधायक कल्पना पारूलेकर का आरेाप है कि प्रदेश के हर जिले में भाजपा का एक माफिया है। यह माफिया जमीन बेच रहे हैं। इन पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष रोहाणी विपक्ष की ओर से उन पर लगाए गए आरोपों से आहत हैं। उन्होंने कहा है कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।