सरपंच बनी 'छवि' को राजनीति से है परहेज
जयपुर, 11 मार्च (आईएएनएस)। भारत के शीर्ष संस्थान में अध्ययन और व्यवसाय प्रबंधन में डिग्री हासिल करने के बाद भी छवि रजावत ने एक कॉरपोरेट करियर चुनने की बजाए राजस्थान के एक गांव की सरपंच बनना पसंद किया। वह कहती हैं कि राजनीति में जाने का उनका कोई इरादा नहीं है।
छवि एक महीने पहले ही जयपुर से 60 किलोमीटर दूर स्थित टोंक जिले के सोडा गांव की सरपंच चुनी गई हैं। वह कहती हैं, "मैं अपने गांव के लिए काम करना चाहती थी इसीलिए मैंने हाल ही में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में हिस्सा लिया।"
छवि ने आईएएनएस से कहा, "मेरे दादाजी ब्रिगेडियर रघुबीर सिंह लगातार तीन बार सोडा से सरपंच चुने गए थे और उनकी इच्छा थी कि मैं भी उनके पदचिह्नें पर चलूं।"
छवि का कहना कि उनका राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है और वह केवल अपने गांव के लोगों की मदद करना चाहती हैं।
बेंगलुरू के ऋषि वेली और दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज की पूर्व छात्रा छवि ने पुणे से व्यवसाय प्रबंधन की डिग्री हासिल की है लेकिन इसके बाद भी उन्हें शहरों की तेज जिंदगी की यादें नहीं सतातीं।
छवि ने कहा, "मुझे सरपंच बने केवल एक महीना हुआ है लेकिन मुझे यह अच्छा लग रहा है। मुझे शहर या कारपोरेट जिंदगी से दूर होने की कोई शिकायत नहीं है और मैं अपने गांव को अपना समय दे रही हूं।"
उन्होंने कहा कि उनके लिए ग्रामीण जीवन नया नहीं है और वह इसकी आदी हैं। छवि ने कहा कि वह किसानों के बच्चों के साथ खेलती हुई बड़ी हुई हैं।
वह ग्रामीणों की परेशानियों को दूर करने के लिए उनके साथ प्रतिदिन घंटों समय बिताती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।