'अमेरिकी मदद का गलत इस्तेमाल किया'
मुशर्रफ ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में यह स्वीकार किया उन्होंने अपने कार्यकाल में अमेरिकी सैन्य मदद का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए करके नियमों का उल्लंघन किया है। हालांकि अपने इस फैसले को दोशहित में बताते हुए वह इसे सही भी ठहराते हैं। मुशर्रफ ने कहा कि यह खुलासा करते हुए उन्हें अमेरिका के गुस्से की जरा भी परवाह नहीं है।
मुशर्रफ ने यहां तक कहा कि अगर उन्होंने 9/11 के बाद अमेरिका का साथ नहीं दिया होता तो अमेरिकी सेना पाक के परमाणु हथियारों पर कब्जा कर सकती थीं। मुशर्रफ ने यह भी आशंका जताई कि भारत-अमेरिका संयुक्त रुप से पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ देते। मुशर्रफ देश में परमाणु कार्यक्रम की समृद्धता का श्रेय खुद को देते हैं और मानते हैं कि उनके कार्काल के दौरान ही पाक वैज्ञानिकों ने न केवल यूरेनियम का संवर्धन शुरू किया, बल्कि प्लूटोनियम आधारित हथियार भी विकसित किए।
परवेज मुशर्रफ ने 2007 में पाकिस्तान में आपात लगा दिया था जिसे बाद में यहां की सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया। मुशर्रफ का कहना है कि अगर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाता है तो फिर यह उन सभी जजों के खिलाफ चलना चाहिए जिन्होंने उनके फैसले का समर्थन किया था।