राजनाथ-वसुंधरा में छिड़ी जंग
दरअसल राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार पर राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने को कहा था। इसपर वसुंधरा ने बागी तेवर अपनाते हुए इस्तीफा देने से साफ इंकार कर दिया।
बुधवार को भाजपा सूत्रों ने कहा था कि खुद वसुंधरा को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इसपर का इस्तीफा देना तो दूर प्रदेश में उनके समर्थक विधायकों और नेताओं ने तीखे तेवर अपना लिए थे। फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने गुरुवार को जब वसुंधरा को अपने पद से इस्तीफा देने को कहा तो वसुंधरा ने साफ इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे को हटाने का फैसला संघ व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मिलकर लिया है। इससे पहले हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए ओम प्रकाश माथुर प्रदेश अध्यक्ष और प्रकाशचंद्र महामंत्री संगठन का पद छोड़ चुके हैं। लिहाजा, अब पद छोड़ने की बारी वसुंधरा राजे और चुनाव प्रभारी रहे श्योदानसिंह की है। क्योंकि ये ही चारों लोग चुनाव के मुख्य प्रबंधक थे।
इस्तीफे के मामले पर वसुंधरा ने आडवाणी से भी बात करने की कोशिश की थी लेकिन इस पूरे मामले पर लाल कृष्ण आडवाणी ने चुप्पी साध ली है।