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    मर्दानी तो एक शुरुआत है- फिल्म समीक्षा

    By Sonika
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    मर्दानी देखकर हमारे हिंदुओं के पूज्य ग्रंथों में लिखी दो पंक्तियां याद आ गयीं- ढोल गंवार क्षुद्र पशु नारी, ये सब ताड़न के अधिकारी। ये पंक्तियां उस ग्रंथ में लिखी हैं जिनकी हम लोग पूजा करते हैं। लेकिन इन्हीं पंक्तियों से इतर हमारे ग्रंथों में नारी को देवी, दुर्गा का रुप भी कहा गया है। तो शायद ये हमारे समाज की नींव रखने वाले खुद ही थोड़ा सा कंफ्यूज थे और इसी वजह से आज हमारा समाज पूरी तरह से गलत दिशा में भटक चुका है। रानी मुखर्जी की मर्दानी शायद इस भटके हुए समाज को सही दिशा देने की।

    कहानी- मर्दानी फिल्म की कोई स्क्रिप्ट नहीं ये एक सच है जो कि हमारे समाज में हर रोज, हर एक शहर में किसी ना किसी कोने में हो रहा है। जो कुछ भी फिल्म में दिखाया गया है वो सभी सच्ची घटनाएं हैं। कुछ समय पहले मुंबई में एक महिला पुलिस ने करीब 2500 लड़कियों को इस तरह के रैकेट से छुड़ाया था। मर्दानी फिल्म की शिवानी शिवाजी रॉय (रानी मुखर्जी) उसी महिला पुलिस का किरदार निभाया है।

    फिल्म का एक एक दृष्य दर्शकों को खुद से जोड़े रखता है, फिल्म में दर्शकों को सिनेमाहॉल में खींचने के लिए तड़कत भड़कते गानों, हनी सिंह के सेक्सी बोल या किसी आइटम गर्ल का डांस नहीं रखा गया है लेकिन फिल्म की कहानी, स्क्रीनप्ले और अभिनय में जो कसाव है वो बॉलीवुड के फिल्मी मसालों से कई गुना बेहतरीन है।

    English summary
    Mardaani movie hitting the box office today. Rani Mukherjee starer Mardaani is based on real incident happened in Mumbai, when female police cop has saved 2500 girls child.
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