twitter
    For Quick Alerts
    ALLOW NOTIFICATIONS  
    For Daily Alerts

    जो बचपन में भी सुर में रोते थे, वो थे पंचम दा

    |

    Bollywood pays tribute to RD Burman on 75th birth anniversary
    मुंबई। 'रिमझिम गिरे सावन, सुलग-सुलग जाए मन', यह गीत सुनकर शायद आपकी आंखों के सामने सावन के झूले, ठंडी हवाएं और रिमझिम बारिश की तस्वीर कौंध जाती होगी। यह खूबसूरत गाना मशहूर संगीत निर्देशक स्वर्गीय राहुल देव बर्मन की देन है। ऐसे की मधुर संगीत से सजे गानों की एक लंबी फेरहिस्त है। जो स्वर्गीय आरडी बर्मन ने तैयार किए थे। जिसे जनता तड़कीले-भड़कीले गानों के बीच आज भी गुनगुनाने को मजबूर हो जाती हैं।

    आज पंचम दा की 75वीं जयंती है। अक्सर पंचम दा के फैंस उनके पंचम नाम को लेकर सोच में पड़ जाते हैं। दरअसल बचपन में जब ये रोते थे तो पंचम सुर की ध्वनि सुनाई देती थी, जिसके चलते इन्हें पंचम कह कर पुकारा गया। कुछ लोगों के मुताबिक अभिनेता अशोक कुमार ने जब 'पंचम' को छोटी उम्र में रोते हुए सुना तो कहा कि ये 'पंचम' में रोता है, तब से उन्हें 'पंचम' कहा जाने लगा। पंचम दा ने 'हम किसी से कम नहीं, शोले और यादो की बारात जैसी फिल्मों में हिट संगीत दिए।

    पंचम दा की 75वीं जयंती पर बॉलीवुड की हस्तियों से लेकर फैंस ने ट्वीट के सहारे अपनी भावनाओं को जाहिर किया। मशहूर बॉलीवुड के मशहूर संगीत निर्देशक स्वर्गीय राहुल देव बर्मन को उनकी पत्नी आशा भोंसले, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर और सुजॉय घोष समेत बॉलीवुड की कई हस्तियों ने याद किया। प्रसिद्ध संगीत निर्देशक की 54 साल की उम्र में 1994 में निधन हो गया था।

    English summary
    On the occasion of ace musical maestro R. D. Burman's 75th birth anniversary, we take a look at some interesting facts about the star.
    तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
    Enable
    x
    Notification Settings X
    Time Settings
    Done
    Clear Notification X
    Do you want to clear all the notifications from your inbox?
    Settings X
    X