ज्योतिष से सवाल- क्या मेरी उससे शादी हो पायेगी?
1-
नाम-
पुरूषोत्तम
शर्मा
जन्म
तिथि-
17
अगस्त
सन्
1950
समय-प्रातः
1:
05
मिनट
जन्म
स्थान-बेवर
(राजस्थान)।
सवाल- मैं कोर्ट केस से परेशान रहता हूं और पारिवारिक समस्याओं से घिरा रहता हूं। कृपया इसका निदान बतायें।
जवाब- पुरूषोत्तम जी आपकी वृष लग्न है। शुक्र लग्नेश होकर तीसरे भाव पर कब्जा किये हुये है। तीसरे भाव में शुक्र के रहने से व्यक्ति उत्साह सम्पन्न, व्यवहार पटु, बहुत आनन्दी और उत्साही होता है। कलाओं को ज्ञाता, कवि, गायक या चित्रकार होता है। मंगल आपके छठें भाव में बैठकर 12 वें भाव पर सप्तम दृष्टि डाल रहा है, जिस वजह से आप कोर्ट केस में फंसे हुये है। अप्रैल 2015 से आप कोर्ट केस और पारिवारिक समस्याओं से निजात पा सकते है।
उपाय- आप लगभग 11 रत्ती का फिरोजा चांदी की अॅगुठी में बनवाकर मध्यमा अॅगुली में दिन शनिवार को धारण करें। सफेद, हरा और गुलाबी रंग का अधिक प्रयोग करें। बजरंग बाण के 11 पाठ नित्य करें।
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2-
नाम-
मुर्तजा
जन्म
तिथि-
11
नवम्बर
सन्
1982
जन्म
समय-
प्रातः
5:30
मिनट
जन्म
स्थान-
राजस्थान।
सवाल- मेरी शादी कब तक होगी। दो बार मेरी इंगेजमेन्ट होकर टूट चुकी है। कृपया बतायें विवाह कब तक होगा।
जवाब- मुर्तजा जी, अपका जन्म तुला लग्न हुआ है। लग्न में ही सूर्य, बुध, गुरू, शुक्र और शनि आपस में ग्रह युद्ध कर रहें है। इन पांचों ग्रहों की सप्तम दृष्टि विवाह के संकेतक सातवें भाव पर पड़ रही है। इसलिए आपके विवाह होने में बाधायें आ रही है। सप्तमेश मंगल केतु के साथ तीसरे भाव में बैठा है, जिस कारण आपका विवाह अपै्रल 2015 से जुलाई 2015 के बीच किसी मित्र, परिचित या रिश्तेदारी में होने के आसार है।
उपाय- अपने सोने वाले बिस्तर पर पीले रंग की बेडसीट बिछायें। 10 रत्ती का ओपेल चांदी की अॅगूठी में बनवाकर तर्जनी अॅगुली में दिन शुक्रवार को धारण करें। मंगलवार के दिन प्रातः सूखे नारियल में छेंद करके चीनी व मेंवा डालकर नारियल को बन्द कर दें उसके बाद उसे पीपल के पेड़ के नीचे गढढा खोदकर दबा दें। यह उपाय लगातार 7 मंगलवार करने से आपका विवाह शीघ्र हो जायेगा।
3-
नाम-
कोमल
मौर्या
जन्म
तिथि-
28
अप्रैल
सन्
1992
जन्म
समय-
सुबह
9:50
मिनट
जन्म
स्थान-
लखनऊ
(उ0
प्र0)।
सवाल- मेरी शादी नहीं हो पा रही है। रिश्ते की बात बनते-2 बिगड़ जाती है। कृपया बतायें विवाह कब-तक होने के आसार है।
जवाब- कोमल जी, आपका जन्म मिथुन लग्न और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है। लग्नेश बुध दशवें भाव में बैठा है। आप अति कुशाग्र बुद्धि की होगीं और विद्या के प्रति स्वभाव से आकृष्ट रहेंगी। आपकी कुण्डली में विवाह का कारक गुरू वक्री होकर तीसरे स्थान में बैठा है एंव सातवें स्थान पर राहु का कब्जा है। राहु के सातवें स्थान में बैठने के कारण आपके विवाह के रिश्तें बनते-2 बिगड़ जाते है। आपका विवाह मई 2016 से अक्टूबर 2016 के मध्य होने की सम्भावना है।
उपाय- आप थोड़ी सी केसर व हल्दी जल में डालकर स्नान करें। गुरूवार को दो आटे के पेड़े पर हल्दी लगाकर गाय को खिलायें।
4.
नाम-सिद्धार्थ
शुक्ल
जन्म
तिथि-
10
अगस्त
सन्
1982
जन्म
समय-
रात्रि
2:45
मिनट
पर
जन्म
स्थान-बनारस
(उ0
प्र0)।
सवाल- सर मेरा सवाल यह है कि पिछले एक साल मेरी शादी की बात चल रही है। दो जगह रिश्ता पक्का भी हो गया मगर बाद में बात कट गई। मेरी शादी को लेकर मुझसे ज्यादा मेरी माॅ परेशान है, क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वह काफी समय से बीमार चल रही है। कृपया सर जी, मुझे बताने का कष्ट करें कि मेरा विवाह कब होगा और इन रूकावटों का कारण क्या है ?
जवाब- विशाल जी, आपका जन्म मिथुन लग्न और रेवती नक्षत्र में हुआ है। आपकी रूचि विविध विषयों में होगी। आप बुद्धिमान होंगे तथा आपके विचार करने का तरीका वैज्ञानिक व तर्कसंगत होगा। सातवां भाव विवाह का कारक होता है। आपके विवाह का कारक गुरू है, जो लाभेश मंगल के साथ पाचवें भाव में बैठा है। अतः आप प्रेम विवाह करना चाहते थे, किन्तु किसी कारणवश सम्भव नहीं हो पाया। दूसरे भाव में सूर्य व शुक्र स्थित है, जो आपस में शत्रु है, इस कारणवश आपके दो रिश्तें टूट चुके है। राहु लग्न में बैठकर सातवें भाव को देख रहा है, इसी वजह से आपके विवाह में बाधायें आ रही है। जनवरी 2015 से जुलाई 2015 के मध्य आप वैवाहिक बन्धन में बंध जायेंगे।
उपाय- सफेद चन्दन का प्रतिदिन तिलक लगायें एंव लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करें। साढ़े 12 रत्ती का गोमेद चांदी की अॅगुठी में बनवाकर मध्यमा अंगुली में दिन शनिवार को शुद्ध करके धारण करें।