संकोची होते हैं शनिवार को जन्में व्यक्ति
1-आपका
प्रत्येक
कार्य
बड़ी
धीमी
गति
से
होता
है
जिसके
कारण
लोग
आपको
आलसी
व
लापरवाह
कहेगे।
2-जब
कोई
आपके
गुणों
को
प्रकट
करने
को
कहता
है
तो,
आप
संकोच
भाव
से
कुछ
ही
प्रकट
कर
पाते
है।
3-आप
किसी
भी
कार्य
को
करने
की
सुन्दर
योजना
बनायेंगे
परन्तु
उन
योजनाओं
के
अनुरूप
आप
कार्य
नहीं
कर
पायेंगे,
इसलिए
आप
सभी
प्रकार
के
संकोच
व
आलस्य
को
त्याज्य
कर
दें
अन्यथा
आपको
जीवन
में
काफी
कठिनाइयों
का
सामना
करना
पडे़गा।
4-यदि
कोई
भी
व्यक्ति
आपका
थोड़ा
सा
भी
अपमान
कर
दे,
तो
वह
बात
आप
जिन्दगी
भर
भूल
नहीं
पायेगें।
5-आपको
सभी
कार्यो
में
सफलता
मिलेगी।
परन्तु
संघर्ष
से
मुंह
नहीं
मोडेगे।
इसलिए
आपको
संकट,
विपत्ति
व
कठिनाईयां
अपने
लक्ष्य
से
भ्रमित
नहीं
कर
पायेंगी
6-आपका
कोई
कितना
भी
विरोध
करे
परन्तु
आप
उस
विरोध
से
घबरायेंगे
नहीं।
7-आपका
जितना
विरोध
किया
जायेगा
आप
उतना
ही
सफलता
की
ओर
बढ़ते
जायेगे।
8-
आप
एक
अच्छे
पे्रमी
होंगे,
अतः
प्रेम
करने
की
कला
में
आप
निपुण
होगे।
9-आपके
जीवन
में
कितने
ही
कष्ट
क्यों
न
आये,परन्तु
आप
अपने
हंसमुख
स्वभाव
के
कारण
विचलित
नहीं
होगे।
10-आपके
अन्दर
बाहरी
प्रदर्शन
की
कला
नहीं
होगी
और
न
ही
आप
किसी
बाहरी
दिखावे
को
पसन्द
करेगें
आप
अपने
को
जैसा
है
वैसा
ही
दिखाना
पसन्द
करेगें।
11-आपके
वैवाहिक
व
पारिवारिक
जीवन
में
काफी
उतार
-चढ़ाव
वाली
स्थिति
बनी
रहेगी।
स्त्रियों का स्वभाव-
1-शनिवार
को
जन्म
लेने
वाली
स्त्रियां
या
तो
एकदम
गेहुये
रंग
की
होगी
या
एकदम
काली
होगी।
2-आपका
झुकाव
ईश्वर
की
तरफ
विशेषकर
रहेगा।
3-आपका
चेहरा
सौम्य
व
गम्भीर
होगा
तथा
आप
एक
दम
पतली
या
फिर
मोटी
होगी।
4-आपका
पति
सुन्दर
व
आकर्षक
व्यक्तित्व
का
होगा,
जिसपर
आपका
पूर्ण
अधिकार
रहेगा।
सास
ससुर
व
परिवार
के
लोग
आप
पर
विश्वास
करेंगे।
5-घरेलू
कार्य
करने
में
आपकी
गति
बहुत
धीमी
होगी,
जिसके
कारण
घर
के
लोग
टोक-टाक
कर
सकते
हैं।
6-आप
कोई
भी
कार्य
बड़े
धैर्य,
लगन
व
समर्पित
भाव
से
करेंगी।
स्वास्थ्य-आपको
आंतो
के
रोग,
कोष्टवद्धता,
गठिया,
कमर
दर्द,
हाथ
पैरों
में
दर्द,
सफेद
दाग
और
बवासीर
आदि
रोग
होने
की
आशंका
रहेगी।
शुभ
दिन-
शनिवार,
शुक्रवार
व
बुधवार
आपके
लिए
शुभ
रहेगें।
शुभ
महीना-
20
सितम्बर
से
25
अक्टूबर
तथा
20
जनवरी
से
20
फरवरी
तक
का
समय
आपके
लिए
अच्छा
रहेगा।
अशुभ
महीना-दिसम्बर,
जून,
मार्च
और
अपै्रल
ये
महीने
आपके
लिए
शुभ
नहीं
है।
शुभ
रत्न
:
आपके
लिए
शुभ
रत्न
हैं
-नीलम,
लहसुनिया,
फिरोजा
और
काला
मोती
आप
इनमें
से
किसी
भी
रत्न
को
चांदी
की
अंगूठी
में
मध्यमा
अंगुली
में
शनिवार
के
दिन
धारण
कर
सकते
हैं।
व्रत
और
मंत्र-
आप
शनि
देव
या
कृष्ण
जी
की
उपासना
व
ध्यान
कर
सकते
हैं।
शनिवार
का
उपवास
आपके
लिए
अच्छा
रहेगा।
आप
प्रातः
काल
उठकर
निम्न
मंत्र
की-ऊंॅ
ऐं
हीं
श्रीं
श्नैष्चराय
नमः
की
एक
माला
प्रतिदिन
जाप
करें।