व्यक्तित्व के विकास में भी सहायक हैं रेखाएं
जब मस्तिक रेखा का आरंभ जीवन रेखा से हटकर होता है तो ऐसे व्यक्ति में वैचारिक स्वतन्त्रता और मानसिक दृढ़ता होती है। ऐसे व्यक्ति त्वरित निर्णय ले सकते हैं। जिन कार्यों में शीघ्र निर्णय लेना और उनका दृढ़तापूर्वक क्रियान्वयन करवाना आवश्यक होता है, ऐसे व्यक्ति को उसमें सफलता मिलती है। अगर मस्तिक रेखा सीधी हो तो व्यक्ति दूसरों पर अपना विशेष प्रभाव रखता है।
ऐसे व्यक्ति आम जनता से सम्बन्धित क्रिया कलापों में भी सफलता प्राप्त होती है। अगर जीवन रेखा से पृथक प्रारंभ होने वाली मस्तिक रेखा का झुकाव चन्द्र पर्वत या कलाई की ओर हो तो व्यक्ति अनिश्चित स्वभाव का हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिये अपने स्वभाव पर नियन्त्रण रखना चाहिये जिससे अपनी बुद्धि और क्षमता का अधिकाधिक उपयोग कर सकें।
अगर उपरोक्त रेखा का अन्त मंगल क्षेत्र में हो रहा हो तो ऐसे व्यक्ति सही अर्थों में नेता होते हैं जो जन आन्दोलनों की सफलता के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं।
अगर जीवन रेखा से मस्तिक रेखा का फासला अधिक हो जाता है। तो व्यक्ति में जल्दबाजी करने की प्रवृत्ति रहती है। ऐसे में व्यक्ति की नींद पर भी असर पड़ता है। अक्सर ही तनाव या उत्तेजना के कारण नींद नहीं आ पाती है।
मस्तिक रेखा पर द्वीप शारीरिक या मानसिक रोग के संकेत
मस्तिक रेखा पर कोई अशुभ प्रभाव जैसे कि द्वीप आदि हो तो किसी गंभीर शारीरिक या मानसिक रोग की ओर संकेत करते हैं। मस्तिक रेखा का जंजीरयुक्त होना स्वास्थ्य संबंधी शिकायत को प्रकट करता है। ऐसी रेखा निर्बल मस्तिक इंगित करती है।
अगर हथेली का रंग पीला हो, नाखून सफेद हों और नाखूनों की जड़ में चन्द्र न हो तो खून की कमी आ जाती है। इसके लिए सादा और पौष्ट्रिक भोजन करना चाहिये, तनाव से बचना चाहिये और कुछ समय तक आयरन सीरप या कैपसूल का सेवन करना चाहिये। इनका सेवन करना लाभप्रद रहता है।
अगर मस्तिक रेखा में एक साथ कई दोष हों तो समस्या भी उसी अनुपात में बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में समुचित उपाय के द्वारा ही दोष निवारण किया जा सकता है ताकि जीवन में वांछित सफलता प्राप्त की जा सके।
मस्तिक रेखा पर या उसके आस-पास छोटे-छोटे क्रास का चिन्ह हो तो सिर पर चोट लगने की संभावना रहती है। अगर यह क्रस मध्यमा उंगली के नीचे हो तो वाहन से टक्कर के कारण चोट लगती है। यहा पर वर्ग का चिन्ह चोट से बचाव करता है।
ऐसा होने पर एक्सीडेंट होने पर भी चोट नहीं लगती है या केवल हल्की सी चोट लगती है जो गम्भीर नहीं होती है। कुछ हाथों में दोहरी मस्तिक रेखा पायी जाती है। ऐसे व्यक्तियों में कार्य करने की मानसिक क्षमता असाधारण होती है।
यह कठिन मानसिक परिश्रम करके जीवन में उच्च स्तरीय सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे व्यक्ति डक्टर, इंजीनियर, सीए आदि बन सकते हैं। वह व्यक्ति किस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे यह हाथ में विभिन्न पर्वतों की स्थिति पर निर्भर करता है।
(लेखक भारतीय ज्योतिष तथा कुंडली से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ हैं)