इस बार चैत्र नवरात्र हर जातक को देगा शुभ-लाभ
आज से महानवरात्र का शुभारंभ हो गया है। हर बार की तरह इस बार का भी चैत्र नवरात्र काफी उम्मीदें और आशाएं लेकर आया है लेकिन इस बार का नवरात्र के एक खास बात है और वो यह कि यह हर जातक के लिए बेहद शुभ है। जिसके शुरू के पांच दिन तो बेहद ही शुभकारी हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इस बार नवमी पुष्य नक्षत्र में है।
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रायपुर के ज्योतिषाचार्य चूड़ामणि तिवारी ने बताया कि प्रतिपदा से नवमी तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा का विधान है। नवरात्रि के पांच दिन खास योग-संयोग के कारण इस बार पर्व अतिशुभ हो गया है। इन दिनों में श्रद्धालु पूजा-अर्चना, साधना के साथ पुण्यलाभ ले सकते हैं।
नवमी पर पुष्य नक्षत्र होने से यह दिन विशेष शुभ वाला है
उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्रि की नवमी पर पुष्य नक्षत्र होने से यह दिन विशेष शुभ होंगे। 8 अप्रैल को पुष्य नक्षत्र का योग है। यह सुबह 10.30 बजे से अगले दिन 9 अप्रैल की दोपहर 12.59 बजे तक रहेगा। इसमें वाहन, आभूषण, भूमि आदि की खरीदारी करना विशेष फलदायी है।
इस दिन सुकर्मा योग भी बन रहा है। भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। 1 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्ध योग बन रहा है। दोनों संयोग सुबह 6.33 से रात 12.59 बजे तक रहेंगे।
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नव संवत्सर
नवरात्रि के पहले दिन गुड़ी पड़वा यानी नव संवत्सर है। इसी दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना होगी। इसके अलावा एक अप्रैल को चेटीचांद सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग, 2 अप्रैल को सौभाग्य सुंदरी योग, 4 को श्रीराम राज्योत्सव एवं 8 अप्रैल को नवमीं के साथ पुष्य नक्षत्र योग है।
शुद्धता और एकाग्रता
पंडित चूड़ामणि ने बताया कि देवी का आह्वान लाल फूल और अक्षत से करना श्रेष्ठ होता है। दूर्वा (दूब) का उपयोग वर्जित है। देवी को लाल कनेर के फूल, लाल झंडा लौर लाल चुनरी विशेष प्रिय है। दुर्गा सप्तशती के पाठ के समय शुद्धता और एकाग्रता पर ध्यान देने की जरूरत है।
ज्योति कलश
नवरात्रि में मनोकामना ज्योति कलश का विशेष महत्व है। स्थापना पूजा में और पाठ, अनुष्ठान और हवन रात के समय विशेष फलदायक होता है। चैत्र नवरात्रि की नवमी पर पुष्य नक्षत्र होने से यह दिन विशेष शुभ होंगे।
सुकर्मा योग
8 अप्रैल को सुकर्मा योग भी बन रहा है। भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग
1 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्ध योग बन रहा है। दोनों संयोग सुबह 6.33 से रात 12.59 बजे तक रहेंगे।