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हास्य व्यंग: महिला बैंक के लिये पहली अर्जी
जिसकी नहीं हो रही थी शादी
बजट में दिखी उसे आबादी
नौकरी दिलवाने वाले एजेंट से बोला -
आप मुझसे दस की जगह
बीस लाख घूंस ली लीजिये
बस महिलाओं के बैंक मुझे बाबू
की नौकरी दिला दीजिये
रेल कभी घाटे में नहीं जायेगी
रेल
मंत्री
की
बात
मेरे
समझ
में
बिलकुल
नहीं
आयी
रेल
आखिर
घाटे
में
कैसे
हो
सकती
है
भाई
?
जितनी
सीटें
हैं
उससे
कई
गुना
लोग
रोज
'सफ़र'
करते
हैं
घंटों
लाइन
लगाकर
पहले
हम
अपना
खून
पसीना
चुसवाते
हैं
और
फिर
खुद
को
भूसा
समझ
ट्रेन
रूपी
भुसैले
में
ठुंसवाते
हैं
ट्रेन
में
नीचे
से
ऊपर
हर
रिक्त
स्थान
भर
देते
हैं
आपके
शौचालयों
तक
को
गुलजार
कर
देते
हैं.
हम
तो
आपकी
पेनाल्टी
का
बोझ
भी
ढोते
हैं
फिर
भी
आप
घाटे
का
रोना
रोते
हैं
?
रेल
मंत्री
बोले-
भाई
साहब
,आपका
कहना
सही
है
पर
इस
विभाग
में
कोइ
ईमानदार
नहीं
है
आप
नाहक
दिखा
रहे
हैं
रोष
घोटाले
के
लिए
हमें
दे
दो
अतिरिक्त
कोष
आपके
घर
में
नोन
तेल
आटा
होगा
और
रेलवे
को
कभी
नहीं
घाटा
होगा
लेखक परिचय- पंकज प्रसून लखनऊ के हास्य कवि हैं व सीडीआरआई में कार्यरत हैं।
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English summary
Finance minister P Chidambaram presented the Union Budget 2013. Hasya Vyang is on first application for women bank announced in union Budget. Just read.
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